सरसों है खिला खिला धरा हुई पीली पीली आया है बसंत ऋतु खुद को संभालिये। सरसों है खिला खिला धरा हुई पीली पीली आया है बसंत ऋतु खुद को संभालिये।
ज़िन्दगी है गर दीया बाती कविता अमृत रूपी तेल है। ज़िन्दगी है गर दीया बाती कविता अमृत रूपी तेल है।
यही जिंदगी का संंबल है। यही जिंदगी का संंबल है।
बेटा शिक्षित, आधी शिक्षा, बेटी शिक्षित पूरी शिक्षा। हमने सोचा, मनन करो तुम, सोचो समझो करो समी... बेटा शिक्षित, आधी शिक्षा, बेटी शिक्षित पूरी शिक्षा। हमने सोचा, मनन करो तुम...
वो बीती बातें,वो झूमती बरसातें, दिल में बसी हैं वो हसरतें हुलासें। वो बीती बातें,वो झूमती बरसातें, दिल में बसी हैं वो हसरतें हुलासें।
नगर केंद्र में एक महल है ये तो केशव का घर है नगर केंद्र में एक महल है ये तो केशव का घर है